किसान आंदोलन 2020
किसानों की समस्या 2020
हैलो दोस्तो केसे हो आप सब i hope बिल्कुल ठीक होंगे आप सब लोग। स्वागत है, आपका एक बार फिर एक नई उमंग और एक नए टॉपिक के साथ तो चलिए शुरू करते हैं। एयरकडीशनर में रहने वाले और 5 स्टार जैसे होटलों मैं खाना खाने वालो को ये कहां समझ आता है , कि जो खाना वो खा पा रहे हैं वो आखिर कहा से आता है। एक बार किसी किसान के खेत में जाकर तो देखो कितनी मेहनत से और किस किस माहौल में अनाज उगाया जाता है। आपको पता चल जाएगा। किसान कड़ी धूप में काम करता है और फिर अनाज उगाता है। और फिर वो सरकार की कड़ी नीतियों की मार झेलता है और अपनी फसल बाजार में बेचता है। और उसके बाद उसे अपनी फसल का सही दाम नहीं मिलता। किसान की इतनी तकलीफों के बाद वो खाना आपको मिलता है। और ये आज कल की ही बात नहीं है आप इतिहास उठा कर देख लीजिए इस देश में किसान कभी भी खुश नहीं रह पाया है।
भारत में किसानों की स्थिति
लगातार किसान अपनी मांगो को लेकर सरकार से विरोध करता आया है। और फिर भी उसे बदले में क्या मिला है और कुछ नहीं सिर्फ झुठे वादे और झूठा आश्वासन। किसान को ये आन्दोलन आज का नहीं ये काफी लंबा है हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान दिल्ली में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और ये आन्दोलन दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन फिर भी सरकार इस आन्दोलन के आगे ट्स से मस नहीं हुई। और सरकार किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। और इन्हीं परेशानियों के कारण भारत का किसान इतना दुःखी है। सायद आपको पता नहीं कि भारत में हर दो घंटे में एक किसान आत्महत्या कर लेता है। इन्हीं तकलीफों के कारण। नेशनल क्राइम ब्रांच रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 20 सालों में 3 लाख किसानों ने आत्महत्या कर ली है और इसकी वजह सिर्फ आर्थिक हालात है। भारत में किसानों की जनसंख्या करोड़ो में है और यही करोड़ों किसान देश की अर्थव्यस्था को संभालने का काम करते हैं परन्तु जब किसान की अर्थव्यस्था संभालने की बात आती है तो सरकार अपने हाथ खड़े कर लेती है। क्या आपको पता है किसान कि सालाना आय कितनी है, सिर्फ 15 हजार इतने तो सायद एक रेहड़ी वाला भी महीने में कमा लेता होगा। अब आप बताओ क्या इतने रुपए में आप अपना घर चला सकते हो। क्या अपने बच्चों को शिक्षा दिला सकते हो इन पैसों से। और फिर भी किसान अपनी जिम्मेदारियां निभा रहा है। और वो मजबूरन कर्ज चुका रहा है। और यही भारतीय किसान की समस्या है। और जब कर्ज नहीं चुका पाता तो उसे एक ही रास्ता दिखाई देता है और वो है आत्महत्या।
आत्महत्या करने की मुख्य वजह क्या है
लेकिन शायद आपको ये पता नहीं जब एक किसान आत्महत्या कर लेता है तो देश का एक अनदाता कम हो जाता है। परन्तु उसके बाद भी हमारे देश के कुछ नेता इन घटनाओं पर अब्धर भाषण दे देते हैं। सरकार किसान की समस्या का समाधान नहीं कर रही। फिलहाल भारत के किसान 50% से उपर कर्ज में डूबे हुए हैं। और आप सोच कर देखो जिस किसान कि सालाना आय सिर्फ 15 हजार रूपए है वो केसे लाखों रुपए कर्ज चुका सकता है। सिर्फ कर्ज के ही कारण किसान आत्महत्या नहीं कर रहे हैं ऐसे बहुत से कारण है जिन की वजह से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या किसान के आगे ये आती है कि उसको अपनी फसल का सही दाम नहीं मिलता। और इसके बहुत से कारण है। कई बार कोई विशेष फसल कि मंडी में सप्लाई बहुत ज्यादा हो जाती है जिसके कारण दाम गिर जाते हैं और इसके बाद सबसे बड़ा कारण मिनिमल सेलिंग प्राइस (MSP) इंडिया में 26 फसलों पर मिनिमल सेलिंग प्राइस यानी MSP दिया जाता है। लेकिन 1 या 2 राज्यों को छोड़कर बाकी राज्य के किसानों को 10% MSP दिया जाता है। और ये अंतराल भी सरकार की गलत तरीके कि नीतियों के वजह से है। और भारत में फिलहाल स्टोरेज फैसलिटी ना के बराबर है। स्टोरेज मात्र 7 हजार ही है जबकि इनकी संख्या 25 हजार के लगभग होनी चाहिए।
1. storage का ना होना।
फसल की कीमत कम होने की वजह से किसान अपनी फसल को Storage में स्टोर करता है परन्तु storage ना होने की वजह से कई बार मौसम खराब होने बाढ़ आंधी और तूफान आने से किसान कि फसल खराब हो जाती है इसकी वजह से फसल का सही से दाम नहीं मिल पाता और इसकी वजह से फसल की लागत भी पूरी नहीं हो पाती। एक वजह ये भी है कि भारत के किसान इतने शिक्षित नहीं है। भारत के किसानों को इतनी जानकारी है कि कोनसी फसल कोनसी जगह पर उगानी चाहिए खेती करने की विधि पता नहीं है। और उन्नत किस्मों का चयन नहीं कर सकता और इसी वजह से किसान एक ही फसल को अधिक मात्रा में उत्पादित करते हैं। और मंडी में उस फसल का स्टोर अधिक मात्रा में हो जाता है और यही वजह है जिसके कारण किसान को फसल का उच्चतम दाम नहीं मिलता। कई बार तो ये दाम इतना कम होता है कि फसल की लागत का एक तिहाई हिस्सा भी नहीं मिलता। और बार बार दाम कम मिलने की वजह से किसान बहुत ज्यादा परेशान और लाचार हो जाता है। और इसी कारण से किसान कर्ज में डूबा चला जाता है। इसी वजह से किसान परेशान होकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
2 कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नुकसान
एक ओर सबसे बड़ी समस्या है मंडी में बैठे बिचोलिए। और यही सबसे बड़े दुशमन है किसान के। भारत की किसान नीति ऐसी है कि ये बिचोलिए बीच में आ जाते हैं। मेहनत किसान करता है फसल को उगाता है और फिर जब बात आती है फसल को मंडी में लेजाने की तो उसको दाम के बदले केवल चिलर दिए जाते हैं। मान लीजिए किसान ने मंडी में आलू को 5 रुपए किलो बेचा तो वही आलू आप तक पहुंचते पहुंचते 30 से 40 रुपए किलो हो जाएगा। मेहनत किसान कि फायदा किसी और का। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बीच में बैठे ये बिचोलिए अपना कमिशन लेते हैं और किसान को मिलते है सिर्फ चिलर। लेकिन अब हालात पहले से ही ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं।
3 क्या है कॉन्ट्रैक्ट खेती
हिन्दुस्तान सरकार अनुबंध खेती कानून पर जोर दे रही है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर बढ़ रही है एक बार आप सोच कर देखिए जहां मंडी में ही किसान को सही दाम नहीं मिल पाता तो प्राइवेट सेक्टर के लोग केसे किसान को सही दाम मुहया कर सकते हैं। पहले ही किसान इतना परेशान है अगर प्राइवेट फार्मिंग और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग आने से किसान का क्या हाल होगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में प्राइवेट सेक्टर के लोग अपनी मन मर्जी से फसल का दाम मुहैया करेंगे। पहले से ही इन बिचोलियों की वजह से भी किसानों का बहुत नुकसान होता है। और इसी अनुबंध खेती के नुकसान के वजह से किसान कर्ज में डूबा चला जाता है और फिर आत्महत्या कर लेता है।
3 मौसम की वजह
अगर किसान को उसकी फसल का सही दाम मिल गया और वो इन बिचोलियों से भी बच गया लेकिन फिर मौसम की मार किसान को बर्बाद कर देती है। कई बार तो बारिश ना होने की वजह से फसल खराब हो जाती है और कई बार बारिश इतनी अधिक हो जाती है कि फसल उसकी वजह से खराब हो जाती है। इस वजह से शेयर बाजार में बहुत बड़ा बदलाव आता है बारिश ना होने की वजह से कई बार चीजों का रेट अधिक बढ़ जाता है, फिर भी किसानों को उनका दाम नहीं मिलता। अगर बारिश अच्छी होती है तो फसल के अनुकूल होती है, और फसल मंडियों में भरपूर मात्रा में आती है और जिसके कारण फसल के दाम घट जाते हैं। अब सवाल ये आता है कि हमारे देश की सरकार क्या कर रही है तो जब कोई किसान आत्महत्या कर लेता है, तो इस प्रोबलम को समझने की जगह हमारे देश के अनपढ़ ग्वार नेता उलजलूल भाषण करते नजर आते हैं।
दोस्तो आपको ये जानकारी (किसान आंदोलन 2020) केसे लगी कॉमेंट में जरूर बताएं, और ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो कर लीजिए, और अगर हमारी ये पोस्ट आपको पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर दीजिए और यहां तक पढ़ने के लिए दोस्तो आपका धन्यवाद्!